जींद
जयंती देवी नगर
स्थापना:- 1 नवंबर 1966
- उपमंडल – जींद, सफीदों, नरवाना
- तहसील – जींद, सफीदों, नरवाना, जुलाना
- उप-तहसील – अलेवा, पिंल्लुखेड़ा, उचाना कलां
- खंड – जींद, जुलाना, पिंल्लुखेड़ा, सफीदों, उचाना कलां, नरवाना, अलेवा
इतिहास
कहा जाता है कि पांडवों ने महाभारत युद्ध से पूर्व जयंती देवी से कौरवों के खिलाफ जीत की प्रार्थना की थी। उन्होंने ही जयंती देवी के मंदिर का निर्माण भी करवाया था। ईसी मंदिर के इर्द-गिर्द जिस नगर का विकास हुआ उसका नाम जयंतीपुर रखा गया जोकि कालांतर में चेंज होकर जींद कहा जाने लगा।
अकबर के शासनकाल में जींद, हिसार क्षेत्र का एक पर्गना था। फिरोज शाह तुगलक द्वारा बनाई गई नहर इस कस्बे के पास से गुजरती है।
महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल
भूतेश्वर महल
राजा रघुवीर सिंह ने भूतेश्वर महल बनवाया जिसे आजकल रानी तालाब के नाम से भी जाना जाता है।
पांडु-पिंडारा
यह एक पर्यटक स्थान है, जहां माना जाता है कि पांडवों ने अपने पूर्वजों का यहां पर
पिंड दान किया होगा।
रामराय
रामराय ग्रंथों में यह तीर्थ स्थल रामहद के नाम से प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि भगवान परशुराम ने इस स्थल पर यज्ञ किया था। इस के निकट ही ग्राम ईक्कस है। ईक्कस को महाभारत काल के राजा इक्ष्वाकु की नगरी बताया जाता है।
भूतेश्वर मंदिर
जींद में स्थित रानी तालाब के बीचों-बीच बना हुआ भूतेश्वर मंदिर अपने आप मे एक अदित्य मंदीर है। यह अपने मनोहारी वैभव से सबको अपनी ओर आकर्षित करता है। भूतेश्वर मंदिर का निर्माण 1778-80 ईसवी के बीच जींद रियासत के महाराजा रघुवीर सिंह के घराने की रानी ने करवाया था।
जितगिरी मंदिर, काकडौद
जींद जिले के गांव काकडौद में स्थित बाबा जीतगिरी मंदिर में बाबा जीतगिरी की समाधि के आगे प्रतिदिन ज्योति जलाई जाती है। यहां के शिवलिंग के स्वरुप के बारे में जाना जाता है कि यह ऐसे पाषाण से बना है जो हिमालय की नदियों के प्रयोग से नदी तल में पड़ा-पड़ा सैकड़ों वर्ष लुढ़कता और घिसता रहा। लोगों ने जब इसे शिवलिंग जैसा पाया तो इसको मंदिर में स्थापित कर दिया गया।
हर्बल पार्क – गांव उचाना में 10 एकड़ भूमि पर हर्बल पार्क यानी के औषधीय पार्क निर्मित है।
धार्मिक स्थल
- हसडेसर और हरकेश्वर
- धमतान साहिब गुरुद्वारा
प्रमुख उद्योग
1)मिल्क प्लांट
2) कोआपरेटिव शुगर मिल्स
3) कैटल फीड प्लांट
4) इंडस्ट्रियल केबल
ये यहां के कुछ प्रमुख बड़े उद्योग हैं।
नेशनल हाईवे – नेशनल हाईवे 71 व 65 हरियाणा के जींद जिले से गुजरते हैं।