पलवल
पलवल जहां गांधी जी पहली बार गिरफ्तार हुए
स्थापना – 13 अगस्त 2008
- उप-मंडल – हथीन,होडल, पलवल।
- तहसील – पलवल, होडल, हथीन।
- उप-तहसील – हसनपुर, बहींन
- खंड – पलवल, होडल, हसनपुर, हथीन, पृथला।
इतिहास
पलवल नगर शक्कर एवं साइकिल उद्योगों के लिए काफी प्रसिद्ध है। जब महात्मा गांधी रोलेक्ट एक्ट के विरुद्ध होने वाले सम्मेलन में भाग लेने के लिए जलियांवाला बाग जा रहे थे तो अंग्रेज सरकार द्वारा 10 अप्रैल सन् 1919 को पलवल स्थित रेलवे स्टेशन पर उनकी प्रथम गिरफ्तारी हुई थी। जिसकी समृति में नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा सन 1938 में महात्मा गांधी आश्रम की नीव यहां पर रखी गई। आईने-अकबरी के अनुसार प्रारंभिक आर्य परंपराओं के वर्णन में पलवल का नाम अपलव पाया गया है। एक जनश्रुति के अनुसार पांडव अज्ञातवास के दौरान पलवल में रह रहे थे। इस क्षेत्र के गांव अहांरवन का वर्णन भी श्रीमद्भगवद्गीता की कथाओं में मिलता है।
प्रमुख दर्शनीय स्थल
पांडव वन
पलवल जिले के होटल नामक कस्बे में पांडव वन तथा गुफा स्थित है। मान्यता है कि पांडवों ने अज्ञातवास का समय ईसी स्थान पर बिताया था। महाभारत काल के बाद यहां ओढ जाती आकर बस गई थी।
सती का स्थान
होडल क्षेत्र में सती के नाम पर एक भव्य मंदिर तथा तालाब बनाया गया है। जहां जनवरी माह में मेला लगता है। भरतपुर के राजा सूरजमल ने एक सराय तलाब तथा बावड़ी का निर्माण भी करवाया था।
पंचवटी
पलवल में पंचवटी के नाम से एक मंदिर है। यह मंदिर पांडवों के समय का माना जाता है। अज्ञातवास के समय पांडवों ने इस स्थान पर विश्राम किया था।
डबचिक
पलवल के होडल शहर में दिल्ली-आगरा मार्ग पर डबचिक पर्यटक कॉन्पलेक्स स्थित है।
महल एवं बाराखंबा छतरी
होडल में स्थित महलनुमा हवेली का निर्माण 1754-1764 ईस्वी के बीच भरतपुर के राजा सूरजमल के ससुर चौधरी कांशीराम सोरोत ने करवाया था। महारानी किशोरी राजा सूरजमल की धर्मपत्नी और चौधरी कांशीराम की सुपुत्री थी।
दाऊजी का मंदिर
पलवल से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बंनचारी गांव में दाऊजी का मंदिर है यह मंदिर श्री कृष्ण के भाई बलराम की समृति समृति में बनाया गया है पलवल जिला फरीदाबाद को अलग करके बनाया गया है