पानीपत
पानीपत बुनकर नगरी
स्थापना 1 नवंबर 1989 को नया जिला बनाया गया लेकिन 24 जुलाई सन 1991 को इसे पुनः करनाल में मिला दिया गया। एवं 1 जनवरी सन 1992 को फिर से इसे नया जिला बना दिया गया।
- उप-मंडल – पानीपत व समालखा।
- तहसील – पानीपत, समालखा, बापौली, इसराना।
- उप-तहसील – मडलौड़ा
- खंड – पानीपत, इसराना, मडलौड़ा, समालखा, सनौली, बापौली।
इतिहास
महाभारत युद्ध के समय जिन गांवों को पांडवों ने दुर्योधन से मांगा था, उनमें पनपर्स्थ भी शामिल था। बाद में इसको पानीपत के नाम से जाना जाने लगा।
प्रसिद्ध सूफी कवि प्रसिद्ध सूफी कवि मोहम्मद अफजल और उर्दू के प्रसिद्ध शायर अल्ताफ हुसैन हाली का जन्म यहीं पर हुआ था। संत बू-अली शाह भी पानीपत में ही पैदा हुए थे।
अलग से जिला बनने से पहले पानीपत करनाल जिले का एक भाग था। स्वतंत्र जिले के रूप में पानीपत का गठन 1 नवंबर 1989 को हुआ। पानीपत की सीमा तीन और से हरियाणा के अन्य जिलों से घिरी है और पूर्व दिशा में यमुना पार उत्तर प्रदेश के साथ सटी हुई है। पानीपत को बुनकर नगरी भी कहा जाता है। फौज के लिए बनाए जाने वाले कंबल भी पानीपत में ही बनाए जाते हैं। हरियाणा में सबसे अधिक बासमती चावल का निर्यात पानीपत के द्वारा ही किया जाता है।
पानीपत में रिफाइनरी नेशनल फर्टिलाइजर्स और थर्मल पावर स्टेशन पानीपत के विकास की मुंह बोलती तस्वीरें हैं।
पानीपत की जिन 3 लड़ाइयों का अपना ही ऐतिहासिक महत्व है। जो ईस प्रकार से हैंः –
- सन 1526 में इब्राहिम लोदी और बाबर के बीच लड़ाई हुई, जिसके परिणाम स्वरुप भारत में मुगल साम्राज्य की नींव पड़ी।
- सन 1556 में अकबर और रेवाड़ी के हेमचंद्र उर्फ हेमू के मध्य लड़ाई हुई, जिसके परिणाम स्वरुप मुगल साम्राज्य की नींव पड़ी।
- सन् 1761 में अहमद शाह अब्दाली और सरदार सदाशिवराव भाऊ के मध्य लड़ाई हुई थी, जिसमें मराठों की करारी हार ने भारत में ब्रिटिश राज्य की नींव को मजबूत कर दिया था।
मुख्य पर्यटन स्थल
काबुली बाग
काबुली बाग जो पानीपत के प्रथम युद्ध के बाद बाबर ने लगवाया था, देखने योग्य जगह है। यह बाबर ने पानीपत की प्रथम लड़ाई में इब्राहिम लोदी पर विजय की यादगार में बनवाया था।
काला अंब
काला अंब में सन 1761 में पानीपत का तीसरा युद्ध अफगान सरदार अहमद शाह अब्दाली और मराठा सरदार सदाशिव राव भाऊ के मध्य हुआ था। ईस युद्ध में मराठों की पराजय हुई। इस स्थान पर हरियाणा सरकार ने वॉर हीरोज मेमोरियल विकसित किया है। यहां संग्रहालय की स्थापना भी की गई है।
सलारगंज गेट
पानीपत नगर के मध्य स्थित यह त्रिपोलिया दरवाजा प्राचीन अबादी का प्रवेशद्वार है। प्राचीन वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना कहलाने वाला यह दरवाजा नवाब सलारगंज के नाम से प्रसिद्ध है।
सिद्ध शिव शनिधाम
सिद्ध शिव शनिधाम श्रद्धालुओं को धार्मिक एकता से रूबरू कराता है। आसपास के क्षेत्रों में इस शनिधाम को दादा-पोता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
बू-अलीशाह कलंदर दरगाह
हरियाणा में चिश्ती संप्रदाय की स्थापना शेख फरीद ने की थी। बू-अलीशाह कलंदर भी चिश्ती संप्रदाय के प्रमुख सूफी संत थे। पानीपत में स्थित बू-अलीशाह कलंदर की दरगाह शिल्प कला का एक उत्कृष्ट नमूना है।
कबीर-उल-औलिया हजरत शेख जलालुद्दीन की दरगाह
शेख जलालुद्दीन पानीपत के प्रमुख सूफी संत हुए हैं। यह बू-अलीकलंदर के समकालीन ही थे।
सैयद रोशन अली शाह साहिब की दरगाह
सैयद रोशन अली शाह साहिब की दरगाह भाईचारे की मिसाल है। यहां हर धर्म के लोग भाईचारे के लिए दुआ करने पहुंचते हैं।
अल्ताफ हुसैन हाली की कब्र
अल्ताफ हुसैन हाली उर्दू, फारसी, अरबी व अंग्रेजी के अच्छे ज्ञाता थे। उन्होंने शिक्षा के प्रसार के लिए कई हजार रुपए इकट्ठे करके एक पुस्तकालय बनवाया व बाद में एक छोटा सा स्कूल शुरू करने में जुट गए। जो बाद में हाली हाई स्कूल के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
इब्राहिम लोदी की कब्र
यह ऐतिहासिक मकबरा पानीपत के तहसील कार्यालय के निकट स्थित है। सन 1526 में इब्राहिम लोदी ने बाबर के साथ युद्ध किया था, जिसमें उसकी पराजय हुई और वह मारा गया। युद्ध स्थल पर ही इब्राहिम लोदी को दफना दिया गया था और यहां पर उसकी कब्र बना दी गई थी।
काबुली बाग मस्जिद
पानीपत के निकट काबुली बाग में एक मस्जिद तथा तालाब बना हुआ है। यह बाग बाबर ने पानीपत की प्रथम लड़ाई में विजय की खुशी तथा सबसे प्रिय रानी मुसम्मत काबुली बेगम की याद में बनवाया था।
जामा मस्जिद
ईस नगर की मुख्य मस्जिद को जामा मस्जिद कहते हैं, यह नगर के मध्य में और नगर की सबसे बड़ी मस्जिद है।
हजरत ख्वाजा समसुदीन का मकबरा
यह पानीपत के प्रमुख संत हुए हैं जो बू-अलीकलंदर के समकालीन थे और शेख अलीमुद्दीन साबरी के अनुयाई थे।
सलार फकरूदीन व हाफिज जमाला का मकबरा
यह मकबरा बू-अलीकलंदर के माता-पिता का मकबरा है।
मुकर्रब खान का मकबरा
मुकर्रब खान का वास्तविक नाम शेख हसन था। मुकर्रब खान जहांगीर के समय में प्रसिद्ध हकीम थे।
कोस मीनार, गोहांड
शेरशाह सूरी ने महामार्ग (GT रोड) का निर्माण करवाया था। उसने जनता की सुविधा के लिए मार्ग के प्रत्येक कोश पर एक-एक मीनार खड़ी करवाई थी।
स्काई लार्क
पानीपत नगर मे GT रोड पर स्काई लार्क कांपलेक्स स्थित है। हरियाणा टूरिज्म विभाग द्वारा संचालित इस रेस्टोरेंट में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है।
ब्लू-जे
पानीपत से 18 किलोमीटर दूर समालखा नगर में ब्लू-जे नामक पर्यटक स्थल है।
देवी तालाब शिव मंदिर
पानीपत के तृतीय युद्ध के पश्चात मराठा सरदार मंगल रघुनाथ ने पानीपत में देवी तालाब शिव मंदिर बनवाया था।
नेशनल हाईवे – 01
नदियां – यमुना नदी जो इस जिले के पूर्व में बहती है।
प्रमुख खनिज – गंधक