फरीदाबाद
स्थापना – 2 अगस्त 1979 (हरियाणा का 12 जिला)
- उप-मंडल – फरीदाबाद, बल्लभगढ़।
- तहसील – फरीदाबाद, बल्लभगढ़।
- उप-तहसील – मोहना, तिगाँव।
- खंड – फरीदाबाद, बल्लभगढ़।
प्रमुख नदि – यमुना
प्रमुख उद्योग
मशीन उपकरण, ट्रेक्टर, मोटरसाइकिल, इस्पात, ट्यूब, पावरलूम, रसायनिक पदार्थ व औषधि।
विशेष
- राज्य का सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला
- राज्य का सबसे अधिक घनत्व वाला जिला
- राज्य का सबसे अधिक नगरीय जनसंख्या वाला जिला और
- राज्य का सबसे अधिक उद्योग वाला जिला
फरीदाबाद शहर 1607 ईस्वी में जागीर के कोषाधिकारी शेख फरीद द्वारा बसाया गया था। इस शहर से पहले यहां एक गांव था, जिसमें 14वीं सदी के प्रसिद्ध साहित्यकार ईसरदास रहते थे। उनकी तीन पुस्तकें अंगद पैजा, भरत विलाप और सत्यवती कथा मशहूर हैं। इसके निकट के ही सीही गांव में सूरदास का जन्म हुआ था। सन 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के समय फरीदाबाद एक अविकसित क्षेत्र था। नया फरीदाबाद देश के उन 10 नगरों में शामिल है जो विशेषकर विस्थापितों के लिए बसाया गया था। आज फरीदाबाद को औद्योगिक नगरी होने का गौरव प्राप्त है। यहां की जनसंख्या वृद्धि दर भी सबसे ज्यादा तेज है। इसके पूर्व में सदाबहार यमुना नदी है। राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 2 इस जिले में से गुजरता है। यहां पिन व बटन से लेकर ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल, एयर कंडीशनर, कूलर, बिजली के स्विच, रेफ्रिजेटर, टेलीविजन, रेडियो, ज्योतिष और टायरों के प्रमुख उद्योग हैं। हरियाणा राज्य में फरीदाबाद सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला है। शहरीकरण में फरीदाबाद सबसे आगे है। यह हरियाणा राज्य का प्रथम जिला है जिसकी जनसंख्या 20 लाख से अधिक है। इस जिले में मलिन बस्तियां भी सबसे अधिक हैं। यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में बड़खल झील परमुख है। फरीदाबाद के गांव तिगांव को अमर शहीदों का गांव भी कहा जाता है। किशोरी महल एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। नाहर सिंह स्टेडियम भी यहां पर स्थित है और हरियाणा राज्य खेल परिसर स्टेडियम भी यहां पर स्थित है।
विश्वविद्यालय
फरीदाबाद में मानव रचना शिक्षण संस्था को अक्टूबर 2008 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्रदान किया गया और इसका नाम मानव रचना इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी रखा गया।
प्रमुख दर्शनीय स्थल
सूरजकुंड
इस कुंड का निर्माण तोमर वंश के राजा सूरजमल ने करवाया था। यहां पर हर वर्ष सूरजकुंड का मेला लगता है।
बड़खल झील
बड़खल झील दिल्ली-मथुरा राष्ट्रीय राजमार्ग से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वर्ष 1947 में सिंचाई परियोजना के अंतर्गत इसका निर्माण किया गया था, जिसका उद्देश्य भूमि के कटाव को रोकना था। इस झील पर 6445 मीटर लंबा और 6 मीटर चौड़ा बांध बनाया गया है।
अरावली का गोल्फ मैदान
नेशनल हाईवे नंबर 2 से सटा हुआ यह गोल्फ मैदान बहुत ही सुंदर मैदान है, जिसका डिजाइन अमेरिका के स्टीफन के. ने बनाया है।
ख्वाजा की सराय
फरीदाबाद जिले के गांव सराय ख्वाजा में लगभग 300 वर्ष पुरानी एक सराय है। इस सराय के नाम पर ही गांव का नाम सराय ख्वाजा पड़ा। यह सराय पीर ख्वाजा ने बनवाई थी।
राजा नाहर सिंह की हवेली
यह हवेली बल्लभगढ़ में दुर्ग प्राचीर के भीतर स्थित है। इसके किले को बनवाने की योजना राजा बल्लु के शासनकाल में बनाई गई थी, जिसे उसके पुत्र किशन सिंह ने पूरा करवाया था।
सूरदास जन्मस्थली
बल्लभगढ़ के निकट स्थित सीही ग्राम सूरदास की जन्मस्थली मानी जाती है। यह साहित्यकारों का आराध्य स्थल है और सूरदास के जन्मदिवस पर यहां साहित्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
दाऊजी मंदिर, बंचारी
फरीदाबाद से लगभग 5 किलोमीटर दूर G.T. रोड पर स्थित बंचारी ग्राम में दाऊजी का मंदिर स्थित है। यह श्री कृष्ण के भाई बलराम की याद में बनाया गया।
बाबा फरीद टोम्ब
एसी अवधारणा है कि सूफी संत बाबा फरीद ने फरीदाबाद नगर की स्थापना की थी। यह गुंबद स्थानीय लोगों के लिए एक तीर्थ स्थल है।
धौज झील
फरीदाबाद जिले का यह गांव अरावली पर्वतमाला में सोहना-फरीदाबाद मार्ग पर स्थित है। पर्वतारोहण के लिए यह एक उपयुक्त स्थान है, जहां लगभग 250 ऐसी पर्वतीय स्थल है, जो पर्वतारोहियों के लिए एक विशेष आकर्षण उत्पन्न करते हैं। यहां की धौज नामक झील एक अत्यंत दर्शनीय झील है।
सौंधाढ
फरीदाबाद से 65 किलोमीटर दूर इस ग्राम में पत्थर पर उत्कीर्ण शिल्प की अनेक कलाकृतियां मिली हैं।