रोहतक
- हरियाणा की एजुकेशन सिटी
स्थापना – 1 नवम्बर 1966
- मुख्यालय – रोहतक
- उपमंडल – रोहतक, सापलाँ वह महम।
- तहसील – रोहतक, सापलाँ, कलानौर, व महम।
- उप-तहसील – लाखनमाजरा।
- खंड – कलानौर, लाखनमाजरा, महम, रोहतक, साँपला।
इतिहास
राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 10 पर स्थित रोहतक नगर पंवार राजा रोहतास के द्वारा स्थापित किया गया था। रोहतक जिले में पहले झज्जर व सोनीपत जिले भी शामिल थे, लेकिन बाद में इनको अलग कर दिया गया। नमक सत्याग्रह हो या भारत छोड़ो आंदोलन हो या असहयोग आंदोलन, इन आंदोलनों में रोहतक जिले के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। यह नगर प्राचीन काल से लकड़ी में कृषि उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
रोहतक को हरियाणा का एजुकेशन सिटी भी कहा जाता है, क्योंकि यहां पर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय और पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के अतिरिक्त अनेक महाविद्यालय, बहुतकनीकी संस्थान, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, शिक्षण महाविद्यालय के साथ-साथ अनेक उच्चतर, माध्यमिक एवं प्राथमिक पाठशालाएं भी स्थापित कि गई हैं। शहर की शौरी क्लॉथ मार्केट हरियाणा में ही नहीं बल्कि उत्तर भारत की सबसे बड़ी कपड़े की मार्केट मानी जाती है। तिलियार झील यहां का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। रोहतक को हरियाणा की राजनैतिक राजधानी भी कहा जाता है।
चरखी दादरी अलग जिला बनने से पहले यह हरियाणा का एकमात्र ऐसा जिला था जिसकी सीमाएं देश के किसी राज्य से नहीं लगती थी, लेकिन अब यह दो हो गए हैं। चरखी दादरी भी इसमें शामिल कर लिया गया है।
सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष भी यहां रोहतक से प्राप्त हुए हैं। यहां के खोखराकोट से सिक्के डालने के सांचे प्राप्त हुए हैं और गुप्त काल की कुछ मुद्राएं भी प्राप्त की गई हैं। यहां पर राजीव गांधी स्टेडियम स्थित है। बांग्ला साहिब गुरुद्वारा भी यहां पर स्थित है।
महम
यह रोहतक जिले का एक महत्वपूर्ण नगर है। यहां पर एक ऐतिहासिक चबूतरा है, जहां 24 गांव की पंचायते इकट्ठे होकर क्षेत्र की समस्याओं के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय व न्याय करती हैं। प्राचीन काल में महम रोहतक जिले का मुख्य केंद्र हुआ करता था। मोहम्मद शहाबुद्दीन गोरी ने इसका विनाश किया था।
महत्वपूर्ण स्थल
जिला स्तरीय युद्ध स्मारक
यह संस्थान मानसरोवर पार्क, रोहतक में स्थित है। इस स्मारक पर पूरे जिले के शहीदों के नाम संगमरमर की शिलाओं पर खुदाई करके अंकित किए गए हैं।
राज्यस्तरीय युद्ध स्मारक
यह स्मारक महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के प्रांगण में प्रथम द्वार के निकट स्थित है। यह स्मारक दिसंबर 2004 में निर्मित हुआ था। इसमें एक मोन्यूमेंट, एक हाल ऑफ फेम तथा एक पुस्तकालय स्थापित है।
आकाशवाणी केंद्र
जिला मुख्यालय पर 8 मई सन 1976 को राज्य का पहला आकाशवाणी केंद्र रोहतक में स्थापित किया गया था। जहां से हरियाणा की संस्कृति व विकास से संबंधित कार्यक्रम आज भी प्रसारित किए जाते हैं।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की स्थापना सन 1976 में हुई थी। इस विश्वविद्यालय का कैंपस 700 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है।
पंडित भगवत दयाल मेडिकल विश्वविद्यालय
सर्वप्रथम ईस विश्वविद्यालय की स्थापना एक मेडिकल कॉलेज के रूप में जून सन् 1964 में की गई थी और 25 फरवरी सन 1963 को ईसे स्वतंत्र मेडिकल कॉलेज का दर्जा दिया गया, जबकि इससे पहले यह कॉलेज गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज पटियाला के साथ गेस्ट कॉलेज के रूप में जुड़ा हुआ था। इसके प्रथम वाइस चांसलर डॉक्टर सुखबीर सिंह सांगवान थे।3
तिलियार पर्यटक स्थल
जिला रोहतक में नगर से 5 किलोमीटर दूर पूर्व दिशा में अस्थल बोहर मठ के समीप 123 एकड़ में फैला हुआ तिलियार पर्यटक स्थल है। यह यहां का मुख्य आकर्षण केंद्र है।
लाल मस्जिद
लाल मस्जिद रोहतक नगर की एक मनोहर व प्रसिद्ध मस्जिद है। भिवानी स्टैंड पर स्थित इस मस्जिद को सन 1939 में नगर के एक प्रसिद्ध व्यापारी हाजी अली ने बनवाया था।
सीसे वाली मस्जिद
रोहतक के चमेली बाजार में स्थित यह एक विशाल मस्जिद है। जिसका प्रवेश द्वारा संगमरमर से निर्मित है।
दीनी मस्जिद
रोहतक की दीनी मस्जिद एक ऐतिहासिक प्राचीन मस्जिद है। सुल्तान अलाउद्दीन के शासनकाल में इस मंदिर को मस्जिद का रूप दे दिया गया था। सन 1947 के बाद इसको फिर से मंदिर का रुप दे दिया गया।
महम की बावड़ी
यह रोहतक जिले के कस्बे महम में स्थित है। यह बावड़ी काफी पुरानी है। इस बावड़ी को महम की शान माना जाता है। कस्बे के दक्षिण-पूर्वी भाग में महम-भिवानी मार्ग के समीप स्थित यह बावड़ी जल संचय का एक अनूठा उदाहरण है। यह बावड़ी शाहजहां के शासनकाल में शुद्धो कलाल ने 1656 ईस्वी में बनवाई थी।
अस्थल बोहर मठ
ईस मठ की स्थापना 18 वीं शताब्दी में अत्यंत तेजस्वी महासिद्ध श्री चौरंगीनाथ ने की थी। 250 वर्ष पूर्व इस प्राचीन मठ का जीणोद्धार, सिद्ध शिरोमणि बाबा मस्तनाथ ने किया था।
गुरुद्वारा लाखन माजरा
ग्राम लाखन माजरा रोहतक के 20 किलोमीटर दूर रोहतक-जींद रोड पर बसा हुआ है। जहां पर प्रसिद्ध मंजी साहिब गुरुद्वारा बना हुआ है। कहावत के अनुसार तेग बहादुर जब दिल्ली शहीदी देने जा रहे थे। तब वह यहां पर एक रात के लिए रुके थे।
गऊ कर्ण तालाब
गऊ कर्ण नामक तालाब रोहतक नगर में स्थित है। गऊ कर्ण महाराज के नाम पर ही यह स्थान गऊ कर्ण तालाब के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
नौरंग पर्यटक स्थल
राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 10 पर हरियाणा का ऐतिहासिक नगर महम स्थित है। इस नगर में महम चौबीसी चबूतरा स्थित है, जहां पर 24 गांवों का किसी भी कार्य का फैसला किया जाता है। ईसी के साथ ही यहीं पर नौरंग नामक पर्यटक स्थल भी है जो हरियाणा पर्यटन विभाग के द्वारा बनाया गया है।
काजी की मस्जिद
रोहतक से 22 किलोमीटर दूर स्थित यह एक प्राचीन मस्जिद है। इस मस्जिद की मीनारें 60 फुट की हैं, जिसमें गोल सीढ़ियां कुतुबमीनार कि तरह बनी हुई हैं। यह मस्जिद सफेद पत्थरों से बनाई गई है।
प्रमुख महान व्यक्ति
रणबीर सिंह हुड्डा
इनका जन्म 26 नवंबर सन 1914 को चौधरी मातूराम और मामकोर के घर सांघी गांव में हुआ था। सन 1937 में इन्होंने दिल्ली के रामजस कॉलेज में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा पहली बार सत्याग्रह आंदोलन में सक्रियता से भाग लेने के कारण सन् 1941 में गिरफ्तार भी किए गए थे। 3 सालों तक विधानसभा के सदस्य भी यह नियुक्त रहे थे। आठवें दशक के प्रारंभ में यह हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। यह देश के स्वाधीनता संग्राम सेनानी संगठन के अध्यक्ष भी रहे हैं।
हिंदी हरियाणा नामक साप्ताहिक पत्र का भी इन्होंने संपादन किया है और हरियाणा विद्या प्रचारणी सभा, रोहतक के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 1 फरवरी 2009 को 94 वर्ष की उम्र में इनका निधन हो गया।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व सांसद भूपेंद्र सिंह हुड्डा का जन्म 15 सितंबर 1947 को रोहतक जिले के सांघी गांव में हुआ। ये अब तक 4 बार लोकसभा संसदीय क्षेत्र रोहतक से सांसद बने जा चुके हैं। ये पहली बार
5 मार्च 2005 को हरियाणा के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुए थे। उसके बाद 28 अक्टूबर 2009 को उन्होंने लगातार दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी।
ममता खरब
26 जनवरी सन 1982 को रोहतक में जन्मी हॉकी खिलाड़ी ममता खरब ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान ममता खरब को हरियाणा सरकार ने डी.एस.पी. के पद पर नियुक्त कर सम्मानित भी किया है। ये भीम अवार्ड तथा अर्जुन अवार्ड भी प्राप्त कर चुकी हैं। ईनके नेतृत्व में भारतीय महिला हॉकी टीम ने वर्ष 2006 में मैलबर्न में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम में रजत पदक प्राप्त किया था। 2002 मानचेस्टर कोमनवेल्थ में हॉकी स्वर्ण पदक जीतने के बाद इन्हें गोल्डन गर्ल के नाम से भी जाना जाता है।
पहलवान अशोक कुमार गर्ग
भारत सरकार ने वर्ष सन् 1993 में गर्ग को अर्जुन अवार्ड से नवाजा था, जबकि हरियाणा सरकार ने वर्ष 1990 में उन्हें राज्य खेल पुरस्कार दिया था। वर्ष 1990 में उन्हें सितारा-ए-हिंद व 1991 में सीतारा-ए-पंजाब का किताब भी दिया गया।
स्वामी इंद्रवेश
सामाजिक कृतियों के विरुद्ध लोगों को जागरुक करने में स्वामी इंद्रवेश का उल्लेखनीय योगदान रहा है। स्वामी इंद्रवेश का जन्म 13 मार्च सन 1937 को रोहतक जिले के गांव सुड़ाना में हुआ था।
जे.पी. कौशिक
श्री कोशिक रोहतक के डेयरी मोहल्ला में पैदा हुए। संगीत में इनका बचपन से लगाव था। हरियाणा की सबसे अधिक हिट हरियाणवी फिल्म चंद्रावल का संगीत भी इन्होंने ही दिया था। इसके अलावा अमिताभ बच्चन के करियर की सबसे पहली फिल्म सात हिंदुस्तानी में भी इन्होंने संगीत निर्देशन के रूप में कार्य किया था। इसके अलावा मुंबई रात की बाहों में, बहुरानी व अनेक हरियाणवी फिल्मों में भी उन्होंने अपने संगीत का निर्देशन दिया हुआ है।
नेशनल हाईवे
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